Artwork

İçerik NITISH VERMA tarafından sağlanmıştır. Bölümler, grafikler ve podcast açıklamaları dahil tüm podcast içeriği doğrudan NITISH VERMA veya podcast platform ortağı tarafından yüklenir ve sağlanır. Birinin telif hakkıyla korunan çalışmanızı izniniz olmadan kullandığını düşünüyorsanız burada https://tr.player.fm/legal özetlenen süreci takip edebilirsiniz.
Player FM - Podcast Uygulaması
Player FM uygulamasıyla çevrimdışı Player FM !

RBI Card tokenisation: What is tokenization and what are RBI guidelines

6:09
 
Paylaş
 

Manage episode 315821277 series 2664666
İçerik NITISH VERMA tarafından sağlanmıştır. Bölümler, grafikler ve podcast açıklamaları dahil tüm podcast içeriği doğrudan NITISH VERMA veya podcast platform ortağı tarafından yüklenir ve sağlanır. Birinin telif hakkıyla korunan çalışmanızı izniniz olmadan kullandığını düşünüyorsanız burada https://tr.player.fm/legal özetlenen süreci takip edebilirsiniz.

रिजर्व बैंक की नई टोकनाइजेशन पेमेंट प्रणाली क्या है और कैसे करेगी काम?

यूटिलिटी डेस्क. डेबिट और क्रेडिट कार्ड से लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए रिजर्व बैंक ने नई व्यवस्था शुरू करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इस व्यवस्था को टोकनाइजेशन (टोकन व्यवस्था) के नाम से जाना जाएगा। इसके लागू होने पर पेमेंट कंपनियां थर्ड पार्टी के साथ मिलकर अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए टोकन जारी कर सकेंगी। लगातार बढ़ रहे कार्ड फ्रॉड की घटनाओं को देखते हुए आरबीआई ने यह गाइडलाइन तय की है।

Post Link: https://technicalmitra.com/rbi-card-tokenisation-kya-hai/

1) क्या है यह व्यवस्था

टोकन सिस्टम के तहत ग्राहक के कार्ड की वास्तविक डिटेल्स को एक विशेष कोड (टोकन) में बदल दिया जाएगा। इस टोकन का इस्तेमाल करके ग्राहक किसी थर्ड पार्टी ऐप या पॉइंट ऑफ सेल (PoS) पर पेमेंट कर सकेंगे।

यूजर को टोकनाइजेशन के लिए कार्ड प्रदाता कंपनियों से रिक्वेस्ट करनी होगी। इसके बाद यूजर के कार्ड की डिटेल्स, टोकन रिक्वेस्ट करने वाली कंपनी की डिटेल्स (जिस कंपनी को पेमेंट करने के लिए टोकन जेनरेट करना चाहते हैं) और यूजर की डिवाइस (मोबाइल/टैबलेट) के आइडेंटिफिकेशन से टोकन जेनरेट होगा। टोकन जेनरेट होने के बाद केवल उसी कंपनी के साथ इसे शेयर किया जा सकेगा, जिसके लिए इसे जेनरेट किया गया है।

ग्राहकों के लिए यह सर्विस पूरी तरह मुफ्त होगी और कार्ड प्रदाता कंपनियां इसके लिए उनसे किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं वसूल सकेंगी।

टोकन सिस्टम पहले ही कुछ जगह इस्तेमाल किया जाता रहा है। लेकिन, रिजर्व बैंक ने अब इसके दायरे को बढ़ा दिया है। अब नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी), मैग्नेटिक सिक्योर ट्रांसमिशन बेस्ड कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन और क्यूआर कोड आधारित पेमेंट भी कर सकेंगे।

6) इस तरह होगा काम

इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद कार्ड धारक अपने कार्ड की डिटेल्स किसी थर्ड पार्टी ऐप (जैसे- फूड डिलेवरी ऐप, कैब सेवा प्रदाता ऐप) के साथ शेयर नहीं करनी होगी। पहले ऐसा करने से यूजर को कार्ड का डेटा इन वेबसाइट्स या ऐप पर सेव करना होता था, जिसके चोरी होने का डर लगा रहता है।

टोकन सर्विस ग्राहकों के इच्छा पर निर्भर करेगी। इसे लेने के लिए उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया जा सकेगा और न ही बैंक/कार्ड प्रदाता कंपनियों द्वारा अनिवार्य रूप से इसे लागू किया जा सकेगा।

कार्ड प्रदाता कंपनियां इन सेवाओं के लिए किसी थर्ड पार्टी ऐप डेवलपर से टोकन सर्विस के लिए कॉन्ट्रैक्ट कर सकेंगी। हालांकि, इस टोकनाइज्ड पेमेंट सिस्टम में भाग लेने वाली सभी कंपनियों को रिजर्व बैंक के साथ रजिस्टर्ड होना जरूरी है।

10) ग्राहकों के हाथ में होगा कंट्रोल

ग्राहकों के पास खुद को कॉन्टैक्टलेस, क्यूआर कोड या इन-ऐप परचेज जैसी किसी भी सर्विस के लिए रजिस्टर और डी-रजिस्टर करने का अधिकार होगा।

यह सुविधा अभी सिर्फ मोबाइल फोन और टैबलेट के माध्यम से ही मिलेगी। इससे मिले फीडबैक के आधार पर बाद में अन्य डिवाइसों के लिए भी इसका विस्तार किया जाएगा।

टोकनाइज्ड कार्ड ट्रांजेक्शन के माध्यम से होने वाले लेनदेन के लिए ग्राहक हर ट्रांजेक्शन की लिमिट के साथ-साथ डेली ट्रांजेक्शन लिमिट भी तय कर सकते हैं।इसके बाद तय लिमिट से ज्यादा का लेनदेन नहीं हो सकेगा।

कार्ड प्रदाता को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक जल्द से जल्द आईडेंटिफाइड डिवाइस (मोबाइल/टैबलेट) खोने की कंप्लेन दर्ज करा सके ताकि अनाधिकृत लेनदेन रोका जा सके।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि टोकन ट्रांजेक्शन सिस्टम के दौरान होने वाले सभी ट्रांजेक्शन के लिए कार्ड पेमेंट कंपनी ही जिम्मेदार होंगी।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि कार्ड के लिए टोकन सेवाएं शुरू करने से पहले अधिकृत कार्ड पेमेंट नेटवर्क को निश्चित अवधि में ऑडिट प्रणाली स्थापित करनी होगी। यह ऑडिट साल में कम से कम एक बार होनी चाहिए।

  continue reading

54 bölüm

Artwork
iconPaylaş
 
Manage episode 315821277 series 2664666
İçerik NITISH VERMA tarafından sağlanmıştır. Bölümler, grafikler ve podcast açıklamaları dahil tüm podcast içeriği doğrudan NITISH VERMA veya podcast platform ortağı tarafından yüklenir ve sağlanır. Birinin telif hakkıyla korunan çalışmanızı izniniz olmadan kullandığını düşünüyorsanız burada https://tr.player.fm/legal özetlenen süreci takip edebilirsiniz.

रिजर्व बैंक की नई टोकनाइजेशन पेमेंट प्रणाली क्या है और कैसे करेगी काम?

यूटिलिटी डेस्क. डेबिट और क्रेडिट कार्ड से लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए रिजर्व बैंक ने नई व्यवस्था शुरू करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इस व्यवस्था को टोकनाइजेशन (टोकन व्यवस्था) के नाम से जाना जाएगा। इसके लागू होने पर पेमेंट कंपनियां थर्ड पार्टी के साथ मिलकर अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए टोकन जारी कर सकेंगी। लगातार बढ़ रहे कार्ड फ्रॉड की घटनाओं को देखते हुए आरबीआई ने यह गाइडलाइन तय की है।

Post Link: https://technicalmitra.com/rbi-card-tokenisation-kya-hai/

1) क्या है यह व्यवस्था

टोकन सिस्टम के तहत ग्राहक के कार्ड की वास्तविक डिटेल्स को एक विशेष कोड (टोकन) में बदल दिया जाएगा। इस टोकन का इस्तेमाल करके ग्राहक किसी थर्ड पार्टी ऐप या पॉइंट ऑफ सेल (PoS) पर पेमेंट कर सकेंगे।

यूजर को टोकनाइजेशन के लिए कार्ड प्रदाता कंपनियों से रिक्वेस्ट करनी होगी। इसके बाद यूजर के कार्ड की डिटेल्स, टोकन रिक्वेस्ट करने वाली कंपनी की डिटेल्स (जिस कंपनी को पेमेंट करने के लिए टोकन जेनरेट करना चाहते हैं) और यूजर की डिवाइस (मोबाइल/टैबलेट) के आइडेंटिफिकेशन से टोकन जेनरेट होगा। टोकन जेनरेट होने के बाद केवल उसी कंपनी के साथ इसे शेयर किया जा सकेगा, जिसके लिए इसे जेनरेट किया गया है।

ग्राहकों के लिए यह सर्विस पूरी तरह मुफ्त होगी और कार्ड प्रदाता कंपनियां इसके लिए उनसे किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं वसूल सकेंगी।

टोकन सिस्टम पहले ही कुछ जगह इस्तेमाल किया जाता रहा है। लेकिन, रिजर्व बैंक ने अब इसके दायरे को बढ़ा दिया है। अब नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी), मैग्नेटिक सिक्योर ट्रांसमिशन बेस्ड कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन और क्यूआर कोड आधारित पेमेंट भी कर सकेंगे।

6) इस तरह होगा काम

इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद कार्ड धारक अपने कार्ड की डिटेल्स किसी थर्ड पार्टी ऐप (जैसे- फूड डिलेवरी ऐप, कैब सेवा प्रदाता ऐप) के साथ शेयर नहीं करनी होगी। पहले ऐसा करने से यूजर को कार्ड का डेटा इन वेबसाइट्स या ऐप पर सेव करना होता था, जिसके चोरी होने का डर लगा रहता है।

टोकन सर्विस ग्राहकों के इच्छा पर निर्भर करेगी। इसे लेने के लिए उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया जा सकेगा और न ही बैंक/कार्ड प्रदाता कंपनियों द्वारा अनिवार्य रूप से इसे लागू किया जा सकेगा।

कार्ड प्रदाता कंपनियां इन सेवाओं के लिए किसी थर्ड पार्टी ऐप डेवलपर से टोकन सर्विस के लिए कॉन्ट्रैक्ट कर सकेंगी। हालांकि, इस टोकनाइज्ड पेमेंट सिस्टम में भाग लेने वाली सभी कंपनियों को रिजर्व बैंक के साथ रजिस्टर्ड होना जरूरी है।

10) ग्राहकों के हाथ में होगा कंट्रोल

ग्राहकों के पास खुद को कॉन्टैक्टलेस, क्यूआर कोड या इन-ऐप परचेज जैसी किसी भी सर्विस के लिए रजिस्टर और डी-रजिस्टर करने का अधिकार होगा।

यह सुविधा अभी सिर्फ मोबाइल फोन और टैबलेट के माध्यम से ही मिलेगी। इससे मिले फीडबैक के आधार पर बाद में अन्य डिवाइसों के लिए भी इसका विस्तार किया जाएगा।

टोकनाइज्ड कार्ड ट्रांजेक्शन के माध्यम से होने वाले लेनदेन के लिए ग्राहक हर ट्रांजेक्शन की लिमिट के साथ-साथ डेली ट्रांजेक्शन लिमिट भी तय कर सकते हैं।इसके बाद तय लिमिट से ज्यादा का लेनदेन नहीं हो सकेगा।

कार्ड प्रदाता को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक जल्द से जल्द आईडेंटिफाइड डिवाइस (मोबाइल/टैबलेट) खोने की कंप्लेन दर्ज करा सके ताकि अनाधिकृत लेनदेन रोका जा सके।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि टोकन ट्रांजेक्शन सिस्टम के दौरान होने वाले सभी ट्रांजेक्शन के लिए कार्ड पेमेंट कंपनी ही जिम्मेदार होंगी।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि कार्ड के लिए टोकन सेवाएं शुरू करने से पहले अधिकृत कार्ड पेमेंट नेटवर्क को निश्चित अवधि में ऑडिट प्रणाली स्थापित करनी होगी। यह ऑडिट साल में कम से कम एक बार होनी चाहिए।

  continue reading

54 bölüm

Tüm bölümler

×
 
Loading …

Player FM'e Hoş Geldiniz!

Player FM şu anda sizin için internetteki yüksek kalitedeki podcast'leri arıyor. En iyi podcast uygulaması ve Android, iPhone ve internet üzerinde çalışıyor. Aboneliklerinizi cihazlar arasında eş zamanlamak için üye olun.

 

Hızlı referans rehberi