शिव पूजा की सर्वोत्तम विधि - शिव पुराण : श्रीरुद्र संहिता- अध्याय 12
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एपिसोड विवरण:
"इस एपिसोड में, हम 'शिव पुराण' के तेरहवें अध्याय से शिव पूजा की सर्वोत्तम विधि को विस्तार से जानेंगे। ब्रह्माजी द्वारा नारद जी को बताई गई इस विधि में शिव पूजा की सभी आवश्यक प्रक्रियाओं और उनके आध्यात्मिक लाभों का वर्णन किया गया है। यह एपिसोड आपको पूजा की तैयारी, आवश्यक सामग्री, मंत्रोच्चार, शिवलिंग अभिषेक, और पूजा के नियमों के बारे में गहन जानकारी देगा। साथ ही, इसमें बताया गया है कि किस प्रकार भक्ति और श्रद्धा के साथ की गई शिव आराधना मनुष्य को भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करती है। शिवभक्तों के लिए यह एक मार्गदर्शक एपिसोड है।"
शिव पूजा की सर्वोत्तम विधि (शिव पुराण से सारांश)
इस एपिसोड में, शिव पूजा की विधि का विस्तार से वर्णन किया गया है, जिसे ब्रह्माजी ने नारद जी को बताया। इसमें बताया गया कि शिव पूजा कैसे भोग और मोक्ष प्रदान करने वाली है।
प्रारंभिक तैयारी:
- सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर भगवान शिव और पार्वती का स्मरण करें।
- स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को गोबर आदि से शुद्ध करें और उचित आसन (जैसे मृग या हिरन की खाल) पर बैठें।
- त्रिपुंड और रुद्राक्ष धारण करें।
पूजा सामग्री और पूजन प्रक्रिया:
- शिवलिंग को पंचामृत और सुगंधित चंदन से स्नान कराएं।
- बेलपत्र, धूप, दीप, फूल और नैवेद्य अर्पित करें।
- मंत्रोच्चार के साथ तिल, जौ, गेहूं और तुलसी अर्पित करें।
- तांबूल और आरती के साथ शिवजी की परिक्रमा करें।
विशेष निर्देश:
- रविवार, अमावस्या, और कुछ विशेष तिथियों पर दांतुन और गर्म जल से स्नान से परहेज करें।
- सही दिशा और विधि का पालन करते हुए ध्यान और पूजा करें।
- पूजा समाप्त होने पर शिवजी का आवाहन और विसर्जन करें।
प्रार्थना और आचरण:
- शिवजी से अपने अज्ञान और गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
- मन और प्राण शिवजी में लगाए रखें।
- अंत में, ब्रह्माजी ने ऋषियों को इस विधि को भोग और मोक्ष प्रदान करने वाली बताया।
ब्रह्माजी के इस वर्णन को सुनकर ऋषियों ने उनकी प्रशंसा की और कहा कि यह विधि सुनकर वे कृतार्थ हो गए।
यह एपिसोड शिव पूजा की विधि को सरल और प्रभावी ढंग से समझाता है, जो हर भक्त के लिए उपयोगी है।
मुख्य बिंदु:समाप्ति:
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